Krishna Bhajan by Vinod Kumar
हम भी सखा- तुम्हा-रे- हैं- द्वारिका भेंट को आ-ये- हैं |
खड़े हम ते-रे द्वा-रे- हैं- द्वारिका भेंट को आ-ये- हैं || हम भी सखा..
प्रभू हम भक्तों की- सुनना, किरपा हम पर
तुम करना |
जगत में- दुःख ही पा-ए- हैं- द्वारिका भेंट को आये हैं || हम भी
मैं तेरी पूजा ना- जा-नूँ, कोई तप व्रत भी ना- जा-नूँ |
फूल श्रधा- के ला-ये- हैं- द्वारिका भेंट को आ-ये- हैं || हम भी सखा…
जगत में भटकन है- दिन रात, न पाऊँ चैन कहीं- मेरे तात |
ठौर हम ते-री पा-ए- हैं- द्वारिका भेंट को आ-ये- हैं || हम भी सखा…
अब तो दर्शन दो- मेरे नाथ, पकड़ लो आज हमा-रा- हाथ |
शरण हम ते-री आ-ये- हैं- द्वारिका भेंट को आ-ये- हैं || हम भी सखा…
आये दूर से हैं- भगवन, मिटा दो दिल की तुम तड़पन |
हम लखनऊ से आ-ये- हैं- द्वारिका भेंट को आ-ये- हैं || हम भी सखा…
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