principal, A.S. Public School, लखनऊ - "विभा प्रकाश" द्वारा लिखी एक कविता
जो स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थी दिल छू लेने वाली है -
तेरे आँचल की छाँव तले ,
हर ग़म जीवन के मिट जाते.
जब मिलती हूँ तुमसे मैं माँ ,
खुशियों के पुष्प हैं खिल जाते .
मैं दूर बहुत हूँ माँ तुमसे,
पर सदा हृदय के पास हो तुम.
जब देखूं दरपन में ख़ुद को,
नयनों में अक्स दिखे तेरा .
बस यही मेरी तमन्ना है ,
सदियों तक साथ मिले तेरा.
-विभा प्रकाश
जो स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थी दिल छू लेने वाली है -
तेरे आँचल की छाँव तले ,
हर ग़म जीवन के मिट जाते.
जब मिलती हूँ तुमसे मैं माँ ,
खुशियों के पुष्प हैं खिल जाते .
मैं दूर बहुत हूँ माँ तुमसे,
पर सदा हृदय के पास हो तुम.
जब देखूं दरपन में ख़ुद को,
नयनों में अक्स दिखे तेरा .
बस यही मेरी तमन्ना है ,
सदियों तक साथ मिले तेरा.
-विभा प्रकाश
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