Raag Jaunpuri chhota khyal Payal ki jhankar bairania
राग जौनपुरी
जौनपुरी राग को आसावरी ठाट से उपजा हुआ राग माना गया है. इस राग में ग , ध, नी स्वर कोमल लगते हैं . आरोह में ग (गंधार ) वर्ज्य है अर्थात गाते बजाते समय आरोह में ग स्वर को छोड़ देते हैं. अवरोह में सातों स्वर प्रयोग किये जाते हैं. अतः इस राग की जाती षाडव-संपूर्ण है. जौनपुरी राग का वादी स्वर ध (धैवत )और संवादी स्वर ग (गंधार) है. इस राग के गाने बजाने का समय दिन का दूसरा प्रहर है .
आरोह: सा रे म प धनी सां
अवरोह : सां नीध प म ग रे सा
पकड़ : म प , नीध प , ध म प ग - रे म प
इसमें म प , ध म प ग - रे म प कि संगती बार बार दिखाई जाती है .
जौनपुरी राग पर आधारित कुछ फ़िल्मी गाने:
१. परदेसियों से ना अँखियाँ मिलाना
२. मेरी याद में तू ना आँसू बहाना
३. जाएँ तो जाएँ कहाँ
Payal ki jhankar bairania-2
Jhan jhan baji kaisi mori
Piya ke milan ko jaoon ab main
Payal ki jhankar bairania
Birha se tan taap tapat hai-2
Ang Ang sab laag rahi la
Sada Rangeele uthat jiya hook
Payal ki jhankar bairania.-2