Saturday, July 31, 2021

भजन स्वरलिपि, भाग -3 Bhajan Swarlipi, Part-3

 भजन स्वरलिपि, भाग -3 Bhajan Swarlipi, Part-3

Bhajan Swarlipi Part 1 and  2 are very much liked by music lovers and having a great demand. On the request of Bhajan lovers, Bhajan Swarlipi, Part -3 book is published and it is now available. You can purchase your copy.

भजन स्वरलिपि, भाग १, और २ को पाठकों का भरपूर प्यार मिल रहा है. और इसकी मांग निरंतर हो रही है. पाठकों की मांग पर भजन स्वरलिपि भाग-३  उपलब्ध है.

Bhajan Swarlipi, Part-3


समर्पण iii

अनुक्रमणिका iv

प्रभु भक्ति कर ले बन्दे vi

पाठकों से vii

सरगम ix

1. A ए री मैं तो प्रेम दीवानी 2

2. B भजन बिना चैन ना आये राम 4

3. C चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है 9

4. D दुनिया बनाने वाले 17

5. D दुनिया से जाने वाले 19

6. G गाइये गणपति जगवंदन 22

7. I इन्साफ का मंदिर है 25

8. K कैलाश के निवासी नमो बार बार 29

9. K को बिरहिनी को दुःख जाणै हो 33

10. L लाल मेरी पत रखियो 36

11. M मंगल भवन अमंगल हारी 39

12. M मन तरपत हरी दर्शन को आज 42

13. M मन रे तू काहे न धीर धरे 45

14. M मुरलिया दे दो राधा प्यारी 48

15. N न जी भर के देखा न कुछ बात की 52

16. N नी मैं नचणा मोहन दे नाल 57

17. O ओ दुनिया के रखवाले 61

18. O ओह रे ताल मिले नदी के जल में 67

19. R रख लाज मेरी गणपति 70

20. R राम चरन चित लायी रे 73

21. S श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया 77

22. S श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन 79

23. S सतगुरु मैं तेरी पतंग 83

24. S सुर की गति मैं क्या जानूँ 86

25. T तुम ढूंढो मुझे गोपाल 89

26. T तूने मुझे बुलाया शेरां वालिये 92

27. T तेरे सिवा अब कौन है 96

28. U उद्धार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े 99

29. V वहां कौन है तेरा 103

30. V वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया 106

31. Y ये कौन चित्रकार है ये कौन चित्रकार 109


Friday, June 25, 2021

Bhajan Swarlipi, Part-2 भजन स्वरलिपि, भाग-2

 Bhajan Swarlipi, Part-2  भजन स्वरलिपि, भाग-2

जीवन चार दिनों का मेला है. इसे व्यर्थ ना गंवाईये. मनुष्य जन्म बड़े भाग्य से मिला है. प्रभु भक्ति करके इसे संवारिये. जीवन की भाग दौड़ लगी रहेगी. कुछ पल प्रभु के गुणगान में बिताइये. अंत समय कुछ साथ न जायेगा. एक तेरा प्रभु नाम सुमिरन भव सागर से पार लगायेगा. प्रभु भजन गाकर हरि चरणों में मोक्ष को प्राप्त करें.

सियावर रामचन्द्र की जय.  ॐ नमः शिवाय.


Bhajan Swarlipi, Part-2

 

1.           A अब कैसे छूटे राम नाम रट लागी

2.           A आओ कन्हाई मेरे धाम 

3.           B बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया   

4.           B भजो मधुरा हरि नाम जपो रे       

5.           C छाप तिलक सब छीनी  

6.           D दईया रे दईया यशोदा मैया       

7.           D दया कर दान भक्ति का

8.           D दर्शन दो घनश्याम नाथ 

9.           G गोकुल की गलियों का ग्वाला     

10.         H हम को मन की शक्ति देना        

11.         H हर हर भोले मेरे प्यारे प्यारे        

12.         H हे रे कन्हैया किसको कहेगा तू मैया         

13.         M महादेव शंकर हैं जग से निराले 

14.         Oओ कान्हा मुझको भी रंग ले अपने रंग में  

15.         P पायो जी मैंने राम रतन धन पायो 

16.         P प्रार्थना सुनिये श्री भगवान           

17.         P प्रेम मुदित मन से कहो  

18.         R रघुवर तुमको मेरी लाज

19.         R राम कृष्ण हरी 

20.         S श्री राधा मोहन श्याम शोभन       

21.         S संकीर्तन 1 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र (21-32 in different Ragas and laya taal)

22.         S संकीर्तन 10 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र    

23.         S संकीर्तन 11 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र    

24.         S संकीर्तन 12 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र    

25.         S संकीर्तन 2 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

26.         S संकीर्तन 3 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

27.         S संकीर्तन 4 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

28.         S संकीर्तन 5 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

29.         S संकीर्तन 6 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

30.         S संकीर्तन 7 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

31.         S संकीर्तन 8 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

32.         S संकीर्तन 9 हरे राम हरे कृष्ण महामन्त्र      

33.         S सत्यम् शिवम् सुन्दरम्   

34.         S सुबह सुबह ले शिव का नाम       

35.         T ठुमक चलत रामचंद्र     

36.         T तू प्यार का सागर है      

37.         T तू ही दुर्गा तू ही भवानी  

38.         T तेरी गठरी में लगा चोर मुसाफ़िर 

39.         T तेरे नैना क्यों भर आये   

40.         T तोरा मन दर्पन कहलाए

41.         U ऊपर गगन विशाल     

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Bhajan Swarlipi, Part -1 भजन स्वरलिपि भाग -1

Bhajan Swarlipi, Part -1  भजन स्वरलिपि भाग -1

भजनों और आरतियों की स्वरलिपि

जीवन चार दिनों का मेला है. इसे व्यर्थ ना गंवाईये. मनुष्य जन्म बड़े भाग्य से मिला है. प्रभु भक्ति करके इसे संवारिये. जीवन की भाग दौड़ लगी रहेगी. कुछ पल प्रभु के गुणगान में बिताइये. अंत समय कुछ साथ न जायेगा. एक तेरा प्रभु नाम सुमिरन भव सागर से पार लगायेगा. प्रभु भजन गाकर हरि चरणों में मोक्ष को प्राप्त करें.

सियावर रामचन्द्र की जय.  ॐ नमः शिवाय.

Bhajan Swarlipi, Part-1


1.           A अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी    13

2.           A अब तो माधव मोहि उबार      19

3.           A अब सौंप दिया इस जीवन का   22

4.           A अल्ला तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम 25

5.           A ऐ मालिक तेरे बन्दे हम               30

6.           C चल उड़ जा रे पंछी                  34

7.           C चली कौन से देस गुजरिया      40

8.           C चलो मन जाएँ घर अपने        44

9.           D दुर्गा है मेरी माँ                      46

10.         E एक ओंकार सतनाम                  49

11          H हम भी सखा तुम्हारे हैं               51

12.         H हे दुःख भंजन मारुति नंदन     54

13.         H हे भोल्या शंकरा मराठी             56

14.         H हो जा राम नाम का पक्का     58

15.         I इक झोली में फूल खिले हैं      62

16.         J जय जय हे जगदम्बे माता      65

17.         J जय राधा माधव                   69

18.         K कृष्ण जिनका नाम है              73

19.         M मन्त्र कर्पूर गौरं करुणावतारं    77

20.         M मन्त्र गजाननं भूत गणादि सेवितं78

21.         M महा मृत्युंजय मन्त्र                  78

22.         O ॐ जय जगदीश हरे                  80

23.         O ॐ नमः शिवाय                     82

24.         O ॐ नमः शिवाय                     84

25.         S श्री गणेश आरती                     86

26.         S श्री गणेश आरती                     88

27.         S संकीर्तन 1 गोविन्द हरे गोपाल बोलो     93

28.         S संकीर्तन 2 गोविन्द बोलो हरि गोपाल बोलो  95

29.         S संकीर्तन 3 गोविन्द जै जै गोपाल जै जै   96

30.         S संकीर्तन 4 श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी   97

31.         S संकीर्तन 5 बोलो श्री राम जय राम       98

32.         S संकीर्तन 6 हरे रामा हरे रामा                99

33.         S संकीर्तन 7 हरे रामा हरे रामा               100

34.         S संकीर्तन 8 सारे बोलो जय माता दी      101

35.         S संकीर्तन 9 हरे रामा हरे रामा                101

36.         S संकीर्तन 10 जपो राधे गोविन्द              103

37.         S संकीर्तन 11 मुकुंद माधव गोविन्द बोल   104

38.         S संकीर्तन 12 भजमन नारायण               105

39.         S सुबह सुबह ले शिव का नाम                 107

40.         S सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को     109

41.         T तुम बिन मोरी कौन खबर ले                114

42.         T तोसो लाग्यो नेह रे प्यारे                        118

43.         T त्रिदेव आरती                                       120

44.         Z ज़िन्दगी का सफ़र है ये कैसा सफ़र      125

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Tuesday, June 15, 2021

Chaahat mein deewaana hokar dar dar bhatkoon, Latkoon Jhatkoon, Matkoon


ऐसा गाना पहले ना सुना होगा. अटकुं, भटकूँ झटकू, लटकू मटकू

Thursday, May 27, 2021

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