Bajaa ke dekho. बजा के देखो.
Song Notes Books
- Home
- Vinod
- Ghazals
- Bhajan
- Dholak
- Khojlebhai
- Md. Rafi ke Nagme
- Lata Mangeshkar Songs
- Aasha Bhosle Songs
- Mera Gana Bajana
- Old Music Q Papers
- Flute
- Tabla
- Guitar
- violin
- Art and Drawing
- Kawwali
- Travel
- Famous Temple
- Western Notations
- Sculpture
- Shorthand
- Holi Hai
- SongsNotationsBooks
- कविता Prakashan
- Madhur Sangeet Vidyalaya
- Modern art and drawings
Saturday, March 25, 2017
Wednesday, March 22, 2017
Md. Rafi ke 51 geeton ki sargam मो. रफ़ी के 51 गीतों की सरगम किताब
Md. Rafi ke 51 geeton ki sargam मो. रफ़ी के 51 गीतों की सरगम किताब
You can purchase this book now at flipkart.com below link
https://www.flipkart.com/md-rafi-ke-51-geeton-ki-sargam/p/itmeru6r6anwarwh?pid=RBKERU6REAANMC5M&query=RBKERU6REAANMC5M
If you are not finding the book on internet; e-mail me at vinod66vk@gmail.com. or you have purchased the book, pl. post your comments about the book below.
Sunday, March 19, 2017
Thursday, March 16, 2017
Asha ke 51 geeton ki sargam आशा के 51 गीतों की सरगम
Asha ke 51 geeton ki sargam आशा के 51 गीतों की सरगम
आशा जी को मेरा प्रणाम पंहुचे. आशा जी की खनकती मदमस्त आवाज़ के सभी दीवाने हैं. जितनी वैरायटी के गीत आशा जी ने गाये हैं अन्य किसी ने नहीं. आशा जी के गाये चुनिन्दा 51 गीतों की सरगम लिखने का विचार है.
दोस्तों आपको जो आशा जी के गीत याद आ रहे हों कृपया मुझे मेल करें या नीचे कमेंट में लिखें. शुक्रिया.
The book is published and available for purchase online.
Wednesday, March 15, 2017
Type of Saptak सप्तक के प्रकार
Type of Saptak सप्तक के प्रकार
सप्तक में 7 शुद्ध स्वर होते हैं और 5 विकृत स्वर होते हैं. अतः सप्तक में कुल 12 स्वर होते हैं.
सा रे ग म प ध नी ये 7 शुद्ध स्वर हैं, रे ग ध नी ये 4 कोमल स्वर हैं तथा मे ये म तीव्र स्वर है
सप्तक के प्रकार : - सप्तक के तीन प्रकार होते हैं :
मंद्र सप्तक (मोटी या भारी आवाज़ के स्वर )
जब गायक मंद्र सप्तक के स्वर गाता है तो उसकी ठोड़ी या चेहरा नीचे की तरफ झुक जाता है. आँखें बड़ी बड़ी फ़ैल जाती हैं. ऐसे वह भारी स्वरों को आसानी से गा सकता है. हारमोनियम में मंद्र सप्तक मध्य सप्तक के पहले आता है. मंद्र सप्तक के स्वरों को पहचानने के लिए हम उन स्वरों के पहले नीचे की तरफ बिंदु रखते हैं जैसे :
.म .मे .प .ध .ध .नी .नी फिर मध्य सप्तक का सा आ जाता है. .म के पहले के स्वर इसलिए नहीं लिखे की सामान्यतया इस स्वर से नीचे गाने की क्षमता गायकों में नहीं होती है. मंद्र सप्तक गाते समय मुंह कम खुलता है.
मध्य सप्तक ( माध्यम या सामान्य आवाज़ के स्वर )
जब गायक मध्य सप्तक के स्वर गाता है तो उसका चेहरा सीधा रहता है. आँखें सामान्य रूप से खुली रहती हैं. मध्य सप्तक के स्वर इस प्रकार आसानी से गाये जा सकते हैं. मध्य सप्तक के स्वरों को लिखते समय इन स्वरों पर कोई बिंदु इत्यादि नहीं लगाते जैसे : सा रे रे ग ग म मे प ध ध नी नी हारमोनियम पर मध्य सप्तक मंद्र सप्तक के बाद आता है तथा तार सप्तक के पहले स्थित होता है. मध्य सप्तक गाते समय मुंह सामान्य रूप से खुलता है.
तार सप्तक (ऊँची या तीखी आवाज़ के स्वर)
जब गायक तार सप्तक के स्वर गाता है तो उसकी ठोड़ी या चेहरा ऊपर की और हो जाता है, आँखें बंद होने लगती हैं या बंद हो जाती हैं. इस प्रकार वह गायक तार सप्तक के ऊँचे स्वर आसानी से लगा सकता है. तार सप्तक के स्वरों को पहचान के लिए इं स्वरों के ऊपर एक बिंदु रखते हैं. जैसे :- सां रें रें गं गं मं में पं धं धं सामान्यतया गायक तार मं तक गा सकते हैं इससे ऊपर विशेष गायक ही गा सकते हैं. तार सप्तक हारमोनियम में मध्य सप्तक के बाद आता है. तार सप्तक गाते समय मुंह ज्यादा खुलता है चेहरा आसमान की तरफ हो जाता है.
हारमोनियम में सप्तक के क्रम
मंद्र सप्तक - मध्य सप्तक - तार सप्तक
सप्तक में 7 शुद्ध स्वर होते हैं और 5 विकृत स्वर होते हैं. अतः सप्तक में कुल 12 स्वर होते हैं.
सा रे ग म प ध नी ये 7 शुद्ध स्वर हैं, रे ग ध नी ये 4 कोमल स्वर हैं तथा मे ये म तीव्र स्वर है
सप्तक के प्रकार : - सप्तक के तीन प्रकार होते हैं :
मंद्र सप्तक (मोटी या भारी आवाज़ के स्वर )
जब गायक मंद्र सप्तक के स्वर गाता है तो उसकी ठोड़ी या चेहरा नीचे की तरफ झुक जाता है. आँखें बड़ी बड़ी फ़ैल जाती हैं. ऐसे वह भारी स्वरों को आसानी से गा सकता है. हारमोनियम में मंद्र सप्तक मध्य सप्तक के पहले आता है. मंद्र सप्तक के स्वरों को पहचानने के लिए हम उन स्वरों के पहले नीचे की तरफ बिंदु रखते हैं जैसे :
.म .मे .प .ध .ध .नी .नी फिर मध्य सप्तक का सा आ जाता है. .म के पहले के स्वर इसलिए नहीं लिखे की सामान्यतया इस स्वर से नीचे गाने की क्षमता गायकों में नहीं होती है. मंद्र सप्तक गाते समय मुंह कम खुलता है.
किशोर कुमार मंद्र सप्तक गाते हुए |
मध्य सप्तक ( माध्यम या सामान्य आवाज़ के स्वर )
जब गायक मध्य सप्तक के स्वर गाता है तो उसका चेहरा सीधा रहता है. आँखें सामान्य रूप से खुली रहती हैं. मध्य सप्तक के स्वर इस प्रकार आसानी से गाये जा सकते हैं. मध्य सप्तक के स्वरों को लिखते समय इन स्वरों पर कोई बिंदु इत्यादि नहीं लगाते जैसे : सा रे रे ग ग म मे प ध ध नी नी हारमोनियम पर मध्य सप्तक मंद्र सप्तक के बाद आता है तथा तार सप्तक के पहले स्थित होता है. मध्य सप्तक गाते समय मुंह सामान्य रूप से खुलता है.
किशोर कुमार मध्य सप्तक गाते हुए |
तार सप्तक (ऊँची या तीखी आवाज़ के स्वर)
जब गायक तार सप्तक के स्वर गाता है तो उसकी ठोड़ी या चेहरा ऊपर की और हो जाता है, आँखें बंद होने लगती हैं या बंद हो जाती हैं. इस प्रकार वह गायक तार सप्तक के ऊँचे स्वर आसानी से लगा सकता है. तार सप्तक के स्वरों को पहचान के लिए इं स्वरों के ऊपर एक बिंदु रखते हैं. जैसे :- सां रें रें गं गं मं में पं धं धं सामान्यतया गायक तार मं तक गा सकते हैं इससे ऊपर विशेष गायक ही गा सकते हैं. तार सप्तक हारमोनियम में मध्य सप्तक के बाद आता है. तार सप्तक गाते समय मुंह ज्यादा खुलता है चेहरा आसमान की तरफ हो जाता है.
किशोर कुमार तार सप्तक गाते हुए |
हारमोनियम में सप्तक के क्रम
मंद्र सप्तक - मध्य सप्तक - तार सप्तक
Sunday, March 12, 2017
Kabhi raat din ham door the dinraat ka ab saath hai Staff Notes
Subscribe to:
Posts (Atom)