Vinod ji, thanks very much for the notations of Moh Rafi ke 51 gano ki sargam. the book received yesterday. obliged! appreciate ur devotion by my heart for music lovers following ur blog and try to follow ur notations.
Quiz 3 winner Sri Vikas Diwan, Mumbai, Maharashtra
Vinodji your book is nice and notations are very good.
quiz 4 winner Smt Rachna Agarwal, Kolkata, West Bengal
राग भूपाली
आरोह : सा रे ग प ध सां
अवरोह: सां ध प ग रे सा
पकड़: प ग रे ग , सा रे, .ध सा, अन्य स्वर संगतियाँ : ग प ध प ग , रे सा, सा रे ग, प ध सां - ध प, ग,
ठाट : कल्याण
वादी /संवादी : ग /ध ( वादी स्वर गंधार और संवादी स्वर धैवत हैं)
वर्जित स्वर : म , नी, (अर्थात मध्यम और निषाद स्वर गाये बजाये नहीं जायेंगे)
जाति : औडव, औडव ( औडव अर्थात 5 स्वर आरोह में और 5 स्वर अवरोह में लिए जा रहे हैं )
समय : रात्रि प्रथम प्रहर (राग भूप या भूपाली के गाने बजाने का समय रात्रि का प्रथम प्रहर है यह शाम 6-9 का समय होता है.)
न्यास से स्वर: सा,ग,प, (इन स्वरों पर ज़्यादा ठहराव किया जाएगा.)
यह राग पूर्वांग प्रधान है अतः इसका चलन अधिकतर मंद्र और मध्य सप्तक के प्रथम हिस्से में होता है. उत्तरांग प्रधान होने से राग देशकार हो जायेगा. इस राग में छोटा ख्याल, बड़ा ख्याल, ध्रुपद और तराना गाया जाता है. सौम्य गंभीर राग होने से इसमें ठुमरी नहीं गई जाती. कुछ पुराने संगीतज्ञ इसमें प रे की संगति दिखाते थे. इससे मिलता दक्षिण भारतीय राग मोहन है,
मिलते-जुलते राग - देशकार राग.
राग भूपाली पर आधारित कुछ फिल्म गीत, भजन-
1. देखा एक खाब तो ये सिलसिले हुए
2. दिल हूँ हूँ करे
3. पंख होते तो उड़ जाती रे
4. ज्योति कलश छलके
5. हरी सुन्दर नन्द मुकुंदा